पन्ने
ऐ मेरी जिंदगी के पन्ने!
मिलोगे मुझे तुम सिमटे कि बिखरे!
गजब बवाल भरे सवाल!
या छवि बेदाग साफ़ सुथरे!
आइने सी पारदर्शी!
या रहस्यमय गहरे!
स्वतंत्र हवाओं सी या
कैद भरे पहरे!
रसभरे या निचोड़े हुए गन्ने!
ऐ मेरे जिंदगी के पन्ने!
मिलोगे मुझे तुम सिमटे कि बिखरे!
गजब बवाल भरे सवाल!
या छवि बेदाग साफ़ सुथरे!
आइने सी पारदर्शी!
या रहस्यमय गहरे!
स्वतंत्र हवाओं सी या
कैद भरे पहरे!
रसभरे या निचोड़े हुए गन्ने!
ऐ मेरे जिंदगी के पन्ने!
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